'संत' शब्द 'सत्' शब्द के कर्ताकारक का बहुवचन है, जिसका अर्थ है— साधु, संन्यासी, विरक्त, त्यागी या महात्मा। संत वह है जो सत्य आचरण करता है। संत की महिमा का वर्णन पदमाकर ने बहुत ही सहज शब्दों में किया है— "या जग जीवन को है यहै फल जो छल छाँडि भजै रघुराई।/शोधि के संत महंतनहूँ पदमाकर बात यहै ठहराई।" इस पृष्ठ पर संतों की सूची बनायी जा रही है:—
मध्यकालीन संत[]
- कुंभनदास
- गुरु नानक
- चैतन्य महाप्रभु
- जीव गोस्वामी
- तुलसीदास
- दादू
- देव
- नामदेव
- निम्बार्क
- पदमाकर
- मलूकदास
- माध्वाचार्य
- मीराबाई
- रसखान
- रामानुजाचार्य
- रैदास
- रूप गोस्वामी
- वल्लभाचार्य
- सूरदास
- शंकराचार्य
- हरिदास
आधुनिक संत[]
- उड़िया बाबा
- श्रीश्री रविशंकर
- श्री राधा बाबा
- श्रीराम शर्मा आचार्य
- कृपालु महाराज
- खटखटा बाबा
- जयदयाल गोयन्दका
- तरुण सागर
- दयानंद सरस्वती
- देवरहा बाबा
- बाबा नीब करौरी
- महर्षि अरविंद
- रामकृष्ण परमहंस
- राम चंद्र डोंगरे
- श्यामाचरण लाहिड़ी
- भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
- स्वामी रामतीर्थ
- स्वामी रामसुखदास
- स्वामी विवेकानंद
- हनुमान प्रसाद पोद्दार