डॉ अवनीश सिंह चौहान (जन्म 4 जून, 1979) का नाम वेब पर हिंदी नवगीत की स्थापना करने वालों में शुमार है। वे नई पीढ़ी के जाने-माने कवि, लेखक, संपादक हैं। उन्होंने अंग्रेज़ी में एम.ए., एम.फिल. एवं पीएच.डी. और बी.एड. तक शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में वे एक निजी विश्वविद्यालय में आचार्य एवं प्राचार्य हैं।
प्रकाशित कृतियाँ[]
- नवगीत संग्रह- टुकड़ा कागज का
- साक्षात्कार संग्रह- नवगीत : संवादों के सारांश
- समीक्षात्मक आलेखों का संग्रह- बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाधर्मिता
- सम्पादित समवेत संकलन- नवगीत वाङ्मय
कार्यक्षेत्र[]
अध्यापन के अतिरिक्त उन्होंने अंग्रेजी की पाठ्य पु्स्तकों का लेखन तथा अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद का कार्य किया है। वे हिंदी और अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य की कई विधाओं में भी कार्य करते रहे हैं। वे हिंदी तथा अंग्रेजी में दो वेब पत्रिकाओं— पूर्वाभास एवं क्रिएशन एंड क्रिटिसिज़्म और एक शोध जर्नल— आई जे एच ई आर के संपादक हैं।
भक्तकोश में प्रकाशन[]
गीत
- केशव मेरे
- वृन्दावन की माटी चंदन
- वृन्दावन तो वृंदावन है
- जागृत हो मम प्रज्ञा पावन
- चरण पखार गहूँ मैं
- आज अबीर लगा दे
- एक तिनका हम
- देवी धरती की
- नदिया की लहरें
- टुकड़ा कागज़ का
लेख
- वृन्दावन
- वृन्दावन में वैष्णव महाकुंभ
- भरम, करम और धरम
- बाबा नीब करौरी आश्रम
- मोहे रँग दे ओ रंगरेज़
- मेरे आदर्श मेरे पिता
- मातृ देवो भव:
- प्रकृति और हम